ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (Odisha Train Accident) शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने वाली घटना ने ना केवल उड़ीसा के लोगों को बल्कि पूरे भारत के लोगों को हिला कर रख दिया है क्योंकि 2023 में यह एकमात्र पहली ऐसी घटना है जिसमें इतनी भारी संख्या में लोगों ने अपनी जान गवाई है।
इस हादसे में अभी तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है (Odisha Train Accident) वही बहुत सारे लोगों का रेस्क्यू भी किया जा रहा है जिसके लिए 50 से भी ज्यादा एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीम इस पूरे घटनाक्रम को संभालने का प्रयास कर रहे हैं।
मीडिया के हवाले (Odisha Train Accident) से इस बात का पता चल रहा है कि इस हादसे में हजार से भी ज्यादा लोग घायल अवस्था में है वही अभी तक कुछ लोगों का अता पता ही नहीं है। इतना बड़ा हादसा होने के बाद अब हर कोई व्यक्ति यही गुहार लगा रहा है कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जानी चाहिए इसके लिए उड़ीसा सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है जो इस पूरी घटना कि बारीकी से जांच पड़ताल कर रही हैं।
इस पूरी घटना में सिग्नलिंग सिस्टम की विफलता को ही हादसे का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। जांच में इस बात का पता चला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए जो सिग्नल लाइन लगाई गई थी उसमें सिग्नल लाइन हरी हुई नहीं थी।
जिसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस (Odisha Train Accident) को वहीं पर रुकना पड़ा और दूसरी तरफ से आ रही मालगाड़ी कों भी हरा सिग्नल मिला हुआ था। दोनों ही काफी तेज रफ्तार में एक दूसरे की तरफ आ रही थी और इसके बाद इतना खतरनाक एक्सीडेंट हुआ जिसकी तस्वीरें आप सोशल मीडिया पर देख ही सकते हैं।