बहुत ही कम समय के अंदर बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना दबदबा कायम करने वाले सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का जीवन इतना भी आसान नहीं था उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया था। सुशांत सिंह राजपूत का एक डायलॉग जो आज बहुत ज्यादा लोगों के बीच पॉपुलर है वह है “जन्म कब लेना है और मरना कब है… हम डिसाइड नहीं कर सकते हैं लेकिन अपने जीवन को हम कैसे जी सकते हैं इस बात को हम डिसाइड कर सकते हैं ”
यह डायलॉग सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के जीवन पर जरूर अप्लाई होता है अपने करियर के शुरुआती दिनों में सुशांत सिंह राजपूत ने बहुत ज्यादा पापड़ बेले हैं साथ ही उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारते हुए उन पर काम भी किया और उसकी बदौलत आज उन्हें पूरे भारत के लोग जानते हैं।
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिताजी एक छोटी सी कंपनी के अंदर काम करते थे स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद सुशांत सिंह राजपूत अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए वहां पर उनके परिवार के कहने पर उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया हालांकि सुशांत सिंह राजपूत का बिल्कुल भी इंजीनियरिंग करने का मन नहीं था लेकिन अपने परिवार के दबाव के आगे वे विवश थे उनका बचपन से सपना था कि वह बड़े होकर एक पायलट बनेंगे।
अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने की वजह से सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने इंजीनियरिंग के दौरान बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया। कुछ समय बाद सुशांत सिंह राजपूत ने डांस क्लासेज भी ज्वाइन कर ली धीरे-धीरे उनके करियर की शुरुआत होती गई और एक समय ऐसा आया कि उन्हें टीवी सीरियल के अंदर काम मिलना शुरू हु
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